WE HAVE COME TO KNOW THAT A FEW DPRs, WHICH WERE MADE SPECIALLY FOR OUR CLIENTS ARE BEING COPIED AND SUBMITTED TO THE FINANCIAL INSTITUTIONS FOR AVAILING SUBSIDY/LOAN.
WE INVITE THE ATTENTION OF THE FINANCIAL INSTITUTIONS. THEY SHOULD NOT ENTERTAIN SUCH DPRs, WHICH IS USING SAME FORMAT, ANNEX, TABLES AND FIGURES, Etc. COPYING SUCH DOCUMENT IS AGAINST THE PROFESSIONAL ETHICS.
HOPE THE PIRATES WILL STOP DOING IT FURTHER.
WE REQUEST THE FINANCIAL INSTITUTIONS, TO KINDLY INFORM US THROUGH OUR EMAIL, IF THEY COME ACROSS ANY SUCH PIRATED "DPRs" &/OR "FARM DESIGNS".
नक्कालों से सावधान
हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ DPRs (प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स) और फार्म के "ले-आउट" डिजाइन, जो कि किसी विशिष्ठ क्लाइंट के लिए M/S डेयरी कॉन्सलटेन्सी, बंगलोर द्वारा बनाए गए थे, को नाम बदलकर कई लोग सब्सिडी के लिए बैंकों अथवा अन्य संस्थाओं में जमा कर रहे हैं, जो एक पाइरेसी है और अपराध है।
कृपया बैंक और अन्य संस्थाएं इसपर ध्यान दें। एक जैसे दिखने वाले रिपोर्ट और फार्म डिजाइन को जांच लेने के बाद ही उपयोग में लाएं।
सभी वित्तीय संस्थाओं से अनुरोध है कि किसी भी पाइरेटेड DPRs अथवा फार्म "ले-आउट" के मिलने पर हमें हमारे ईमेल पर सूचित करें। हम आभारी रहेंगे।
Dr PK Shrivastava
M/s Dairy Consultancy, Bangalore, India
email: dairyconsultancyindia@gmail.com
www.dairyconsultancy.in
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